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आल्हा छंद



आल्हा छंद

       मात्रा भार 16/15


जीवन में दीवाली लाओ,

     सब से करते जा संवाद।

सब से नाता नित्य जोड़ना,

     अपने मन को कर आजाद।

हितकर कहना उपकृत होना,

     जगती को करना आबाद।

धर्म नियम का पालन करना,

      दिखे धरा पर मानववाद।

नैतिकता की फसल उगे अब,

     पारदर्शिता हो शिववाद।

सत्य-अहिंसा-प्रेम निराला,

     लाये जग में उत्तमवाद।

शंकर के डमरू की ध्वनि हो,

     सहज दिखे रामेश्वरवाद।

शंखनाद हम सुनें प्यार का,

     सहयोगी प्रवृत्ति सुखवाद।

सच्चे इंसानों का मेला,

     मधु भावों की बहु तादाद।

विनयशीलता की छाया में,

     जागे मन में प्रिय मधुवाद।

सच्चरित्र का जय जयकारा,

     पावन मानव जिन्दावाद।

कण-कण में खुशियाँ छा जायें,

     दिल में उतरे आत्मावाद।





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1 Comments

Rajeev kumar jha

31-Jan-2023 12:12 PM

Nice

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